रविशंकर प्रसाद की पहल….ट्रैक्टर से जोती जाने वाली गोभी ट्रक से पहुंची दिल्ली, कीमत एक की बजाय 10 रुपये किलो

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद की पहल पर किसान को मिली नयी राह। कल तक गोभी किसान ओमप्रकाश यादव खरीददार के अभाव में ट्रैक्टर से फसल नष्ट करते दिखे थे आज वही गोभी 10 गुणा कीमत पर दिल्ली पहुंची।
समस्तीपुर: बिहार के समस्तीपुर में गोभी का उचित मूल्य नहीं मिलने से एक किसान इतना टूट गया कि उसने लहलहाती फसल पर ट्रैक्टर चला दी। समस्तीपुर जिले के मुक्तापुर के किसान ओम प्रकाश यादव का कहना है कि गोभी की खेती में चार हजार रुपये प्रति कट्ठा का खर्च है और यहां मंडी में एक रुपये किलो भी नहीं बिक रहा है। अपनी पीड़ा बताते हुए ओम प्रकाश यादव ने कहा कि पहले तो गोभी को मजदूर से कटवाना पड़ता है, फिर बोरा देकर पैक करवाना होता है और ठेले से मंडी पहुंचाना पड़ता है, लेकिन वहां आढ़तिए एक रुपये प्रति किलो भी गोभी की फसल खरीदने को तैयार नहीं है। मजबूरन उसे अपनी फसल पर ट्रैक्टर चलवाना पड़ रहा है। किसान ने कहा कि दूसरी बार उसकी फसल बर्बाद हुई है, इससे पहले भी उसकी फसल को कोई खरीदने वाला नहीं था। ओम प्रकाश यादव ने कहा कि अब वे इस जमीन पर गेंहू रोपेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार से एक रुपया लाभ नहीं मिल रहा है। इस किसान ने कहा कि वह 8 से 10 बीघे में खेती करते हैं और सरकार की ओर से एक हजार रुपया क्षतिपूर्ति मिलता है। यहां के किसानों का कहना है कि जितने रुपये खर्च कर के वो गोभी को मंडी लेकर जाएंगे वहां पर उसका मूल धन भी वापस नहीं होने वाला है। लिहाजा फसल को खेत में ही नष्ट कर देना सही है। खेत में ट्रैक्टर चलाते देखकर आस-पास के लोग खेत पहुंच गए और खेत से गोभी उठाकर घर ले गए। अपनी फसल की कीमत न पाने वाला किसान फिलहाल लोगों को अपनी गोभी ले जाता देखकर ही संतुष्ट था। इस किसान ने कहा कि ये सब गांव के लोग और मजदूर हैं, सब्जी खाकर खुश होंगे।
आज मैंने समस्तीपुर के किसान ओम प्रकाश यादव को कहा कि वह अपने इस अनुभव को बाकी किसानों के साथ सांझा करें कि नया कृषि कानून से आपको इतना अच्छा अवसर मिला कि आपको अपनी गोभी का 10 गुना दाम मिला है। pic.twitter.com/xJmlBVqEH3
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) December 17, 2020
वायरल खबर का दूसरा पहलू
लेकिन ये सिर्फ खबर का एक पहलू है। इस खबर का दूसरा पहलू ये है कि जैसे ही यह खबर सोशल मीडिया के जरिए बिहार से ही आने वाले केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के पास पहुंची, उनकी पहल पर मंत्रालय सक्रिय हुआ। क्योंकि ये खबर उस वक्त आयी थी जब देश में किसान आंदोलन चल रहा है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर ने न सिर्फ मुक्तापुर गांव के किसान ओम प्रकाश यादव से बात की बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि किसान की फसल उसकी शर्तों पर बिके और अच्छी कीमत मिले।
क्या कहते हैं मंत्री
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि किसान की कहानी सोशल मीडिया चर्चा का विषय बनी हुई थी। किसान ने गोभी की फसल पर ट्रैक्टर चलवा दिया था। इस खबर के संज्ञान में आने के बाद अपने विभाग के कॉमन सर्विस सेंटर को निर्देश दिया कि वे किसान से संपर्क करें और उनकी फसल को देश के दूसरे राज्य में सही दाम पर बेचने का बंदोबस्त करें। कॉमन सर्विस सेंटर के वीएलइ ने सीएससी के डिजिटल प्लेटफार्म ई-किसान मार्ट पर किसान को दिल्ली में गोभी का प्रति किलो दस रुपये मूल्य ऑफर कर दिया। किसान व खरीदार के बीच आपसी सहमति के बाद कुछ ही घंटे में किसान के बैंक खाते में आधी राशि एडवांस के तौर पर भेज दी गयी। बुधवार की सुबह पूरी फसल ट्रक पर लोड कर किसान को शेष राशि का भुगतान कर दिया गया। इसके बाद समस्तीपुर की गोभी दिल्ली में बिकने के लिए रवाना हो गयी। ट्रांसपोर्ट का पूरा खर्च भी खरीददार ने ही वहन किया। सरकार ने कृषि उत्पादों की बिक्री के लिए डिजिटिल प्लेटफार्म बना रखा है। इसी प्लेटफार्म पर दिल्ली के एक खरीददार ने किसान की गोभी 10 रुपये प्रति किलो खरीदने का प्रस्ताव दिया।
इस पहली खेप में किसान ने चार टन गोभी दिल्ली के खरीददार को बेची है, जिसके लिए उसे स्थानीय मंडी से दस गुना अधिक दाम भी मिला जिसका पेमेंट सीधा उसके बैंक अकाउंट में तुरंत ही प्राप्त हो गया।
मैं @CSCegov_ को निर्देश दूंगा, कि वह यह काम और उत्साह से करें और अगर कोई किसान अपनी फसल को लेकर परेशानी में है, तो उसकी डिजिटल माध्यम से फसल या सब्ज़ी को बेचने का इंतजाम करवाएं। pic.twitter.com/VfgxjHlzK7
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) December 17, 2020
कैसे काम करती है कॉमन सर्विस सेंटर
कॉमन सर्विस सेंटर ने एक स्टार्टअप एग्री-टेन-एक्स के साथ मिलकर किसान ई-मार्ट नामका डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाया है। इससे किसान देशभर के खरीददारों से संपर्क कर अपनी फसल बेच सकते हैं। इसमें खरीददार तय मूल्य पर सीधा किसान के खेत या भंडार से उपज को ट्रांसपोर्ट भेजकर उठा लेता है. किसान को अपनी उपज मंडी तक ले जाने की भी जरूरत नहीं रहती है।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ‘अब नरेंद्र मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों ने किसान को अपनी फसल कहीं भी बेचने की आजादी दे दी है। बिहार का ये किसान जिसे स्थानीय मंडी में मिल रहे दाम से निराश हो कर अपनी फसल नष्ट करने पर मजबूर होना पड़ा था, अब स्थानीय दाम से दस गुना अधिक दाम पर दिल्ली में अपनी फसल बेच पाया है।’
उन्होंने कहा कि, ‘किसान आंदोलन को लेकर राजनीति हो रही है। सरकार किसानों से बातचीत के लिए तैयार है। मंडी से बाहर आकर किसानों को फायदा होगा। हमें तकनीक से भी किसानों को लाभ पहुंचाने के बारे में सोचना चाहिए।’