बिहार सांसद रविशंकर प्रसाद ने राम मंदिर मामले में निभाई है अहम भूमिका

बिहार सांसद रविशंकर प्रसाद की अयोध्या मामले में भूमिका : कई अन्य लोगों की तरह शनिवार के दिन आया ऐतिहासिक फैसला वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के लिए भी उपलब्धि का क्षण था क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या भूमि शीर्षक विवाद में अपना फैसला सुनाया है।
शीर्ष अदालत की पांच-न्यायाधीशों वाली संविधान पीठ ने शनिवार को सर्वसम्मति से फैसला सुनाया कि अयोध्या में 2.77 एकड़ भूमि पर राम मंदिर बनाया जाएगा और सरकार को मुसलमानों को एक पांच एकड़ का वैकल्पिक प्लॉट देने का आदेश दिया जो उत्तर प्रदेश के इस प्राचीन शहर में ही होगा।
भगवान राम का जीवन मर्यादित आचरण का सर्वोच्च उदाहरण है। इस लिए हमें आज शांति, सद्भावना और विश्वास को और मजबूत करना चाहिए। भारत की शास्वत सभ्यता और विरासत के साथ देश शांति और समृद्धि की ओर बढ़े, यही कामना है।
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) November 9, 2019
पटना साहिब से सांसद और देश के कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा -“यह एक असाधारण और ऐतिहासिक निर्णय है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह एकजुट भारत के सभी मूल्यों को पुष्ट करता है।
बिहार के पटना साहिब से भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा सांसद इलाहाबाद हाईकोर्ट में देवता राम लल्ला विराजमान के वकील रह चुके हैं और 2010 में बाल देवता के पक्ष में शीर्षक का निर्धारण करने उनके अविश्वसनीय तर्कों व जिरह का अहम योगदान है। विख्यात वकील रविशंकर प्रसाद राम मंदिर के पक्ष और भाजपा के लगभग हर अभियान का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने 1990 में दिग्गज भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की राम रथ यात्रा के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
जब आए सांसद रविशंकर प्रसाद पटना साहिब तो इस भव्यता से हुआ स्वागत
प्रभु श्रीराम और माँ भारती की सेवा में सैदव तत्पर रहने वाले नेता
रविशंकर प्रसाद वर्तमान में नरेंद्र मोदी सरकार में कानून, संचार और इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री हैं।इलाहाबाद उच्च न्यायालय के समक्ष उनकी कई दलीलों ने शनिवार को शीर्ष अदालत के फैसले की नींव रखी, जिसने अयोध्या में राम मंदिर बनाने का मार्ग प्रशस्त किया। यह एक ऐसा वादा था जिसे भाजपा ने पहली बार जून 1989 में हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रस्ताव पारित कर किया था।
बता दें कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक तिहाई भूमि देवता को दी थी, जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने भी बरकरार रखा।मामला सुप्रीम कोर्ट में आने के बाद रविशंकर प्रसाद ने अपील दायर करने में वकीलों का मार्गदर्शन किया।
कुल मिलाकर, वह भाजपा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और याचिकाकर्ताओं के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी बने रहे उनकी समायोजक वाली भूमिका फिर चाहे वह बतौर वकील हो या फिर कानून मंत्री, उसके चलते सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष एक मामला बनाने में अहम भूमिका निभाई।
निस्वार्थ माँ भारती की सेवा करने वाले विशुद्ध राम भक्त श्री रविशंकर प्रसाद जैसे व्यक्तियों के कारण ही आज हिन्दू समाज को उसको हक़ की राम जन्मभूमि में मंदिर निर्माण कर अपने आराध्य मर्यादा पुरषोत्तम भगवान् राम की पूजा करने का अवसर प्राप्त हो रहा है।