ये मछलियां दे रही हैं युवाओं को रोजगार , हर महीने कमा रहे 40 से 50 हजार रुपये

युवाओं को रोजगार : घरों या दफ्तरों में आपने एक्वेरियम तो कई बार देखे होंगे लेकिन कभी ये नहीं सोचा होगा कि एक्वेरियम में दिखने वाली ये रंग बिरंगी मछलियां लोगों के रोजगार का बड़ा साधन भी हो सकता है।अब पटना सहित बिहार के अन्य इलाकों में भी अब युवा इस रोजगार को अपना रहे हैं और इन रंग बिरंगी मछलियों का पालन कर 40 से 50 हजार रुपये तक कमा रहे हैं।
टैंक में भी पाल सकते है रंगीन मछलियां :
पटना के निवासी ब्रजेंद्र ने 2008 में अपनी नौकरी को छोड़ कर इस रोजगार को अपनाया है। वे बताते हैं कि सफर इतना आसान नहीं था। इसके लिए वे कई बार कोलकाता और चेन्नई गए। नौकरी छोड़ने के बाद दो साल तक ब्रजेंद्र ने मछली पालन को सीखा। उन्होंने बताया कि रंगीन मछली के पालन में पोखर या तालाब की जरूरत नहीं होती, इसका पालन टैंक में भी किया जा सकता है।
युवाओं को रोजगार : 50 हज़ार की हो जाती है कमाई
ब्रजेंद्र ने बताया कि 2010 में उन्होंने सिर्फ 8 हजार रुपये के साथ इसकी शुरुआत की। उन्होंने अपने घर की छत पर टैंक बना कर गोल्ड फिश, रेड कैप, ओराडा, ग्रीन ट्रेरर, एंजेल, चिकलेट, ऑस्कर, ब्लैक कॉर्न, व्हाइट कॉन, व्हाइट मॉली, शॉट टेल, मौली आदि मछलियों का पालन शुरू किया। उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी ने भी इस काम में उनका सहयोग किया। इस दौरान ब्रजेंद्र मार्केटिंग का काम करते रहे और पत्नी ने मछली पालन में पूरी मदद की। उन्होंने बताया कि इससे उनको 50 हजार रुपये तक का मुनाफा हो जाता हैइन रंगीन मछलियों की बात की जाए तो ये ज्यादातर पश्चिम बंगाल से आती हैं। यहां पर ज्यादातर घरों में लघु उद्योग के तौर पर इसका उत्पादन किया जाता है। इसके लिए ज्यादा पूंजी की जरूरत नहीं पड़ती है। इसे आसानी से कोई भी कर सकता है। गौरतलब है कि विश्व में डेकोरेटिव फिश का कारोबार करीब 50 करोड़ डॉलर से भी ज्यादा का है।