NRC सर्वेक्षणकर्ता समझकर गांववालों ने रिसर्च टीम को बंधक बनाया

रिसर्च टीम : NRC और NPR सर्वे के शक में एक बार फिर बिहार के दरभंगा में Phd के लिए शोध सर्वे कर रहे निज़ी कंपनी के लोगों को ग्रामीणों ने बंधक बना कर हंगामा किया। ग्रामीणों ने 4 महिला और 9 पुरुष को बंधक बनकर सर्वे करने के पीछे सवालों की झड़ी लगा दी। जब काफी हंगामा मचा तो मौके पर पुलिस पहुंची और किसी तरह लोगों को समझाकर बंधक बने सभी सदस्यों को अपने साथ लेकर निकल गयी। पुलिस जांच के बाद सभी लोगों को छोड़ दिया। घटना दरभंगा के जमालपुर थाना के झगरुआ गांव की है।
पुलिस ने बचाया जान :
बंधक बनाए गए कंपनी के सुपरवाइज़र की मानें तो लखनऊ के मोर्सल कंपनी से 18 लोगों की टीम दरभंगा के झगरुआ गांव शोध करने पहुंची थी। कंपनी एक अमेरिकन यूनिवर्सिटी के छात्र के Phd. के लिए शोध करने और सैम्पल लेने यहां पहुंची थी। रिसर्च टीम, प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों से उनके जीवन में बदलाव पर शोध कर रहे थे, लेकिन इसी बीच इलाके में NRC और NPR सर्वे करने की बात फ़ैल गयी और सभी लोगों को ग्रामीणों ने बंधक बना लिया।भीड़ से घिरे सर्वे कंपनी के सुपरवाइजर लगातार भीड़ को समझाते रहे कि उन्हें NRC और NPR से कोई लेना-देना नहीं उन्हें सिर्फ प्रधानमंत्री आवास योजना से जुड़े सवालों के जवाब चाहिए, लेकिन उनकी बातों को झूठ बता कर भीड़ अपने हिसाब का जवाब चाह रही थी।बता दें कि अभी छह दिन पीछे 16 जनवरी को भी दरभंगा शहर में ऐसी ही घटना घटी थी, जहा वोटर का मूड भांपने का सर्वे कर रहे एक युवक पर NRC और NPR का सर्वे करने का आरोप लगाकर हंगामा शुरू कर दिया और देखते ही देखते भीड़ हमलावर हो गयी थी। तब कुछ समझदार लोगों और पुलिस की तत्परता से युवक की जान बच सकी थी।
रिसर्च टीम : पुलिस की अपील
लोगों से अपील करते हुए कहा कि सभी लोग संयम से काम लें और कानून को हाथ में न लें।किसी प्रकार का शक होने पर पुलिस को सूचना दें। पुलिस ऐसे लोगो पर सख्त कानूनी कार्रवाई करेगी। जो गलत काम करते पाया जाएगा। बहरहाल एक सप्ताह के अंदर दरभंगा ज़िले में ऐसी दूसरी घटना के बाद अब यह भी सवाल उठाने लगे हैं कि आखिर ऐसे अफवाह पर सरकार आखिर लगाम लगाने में विफल क्यों है ? क्या किसी बड़ी घटना का इंतज़ार किया जा रहा है?