नेपाल से जुड़े बाढ़ व बिहार के इन मुद्दों पर केंद्र सरकार करेगी ये पहल

नेपाल से जुड़े बाढ़ व बिहार के अन्य मुद्दों के समाधान के लिए केंद्र सरकार द्वारा नए तरीक़े अपनाएं जानें वाले हैं। बीते सोमवार को नई दिल्ली में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मुलाकात के दौरान बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा को आश्वासन दिया है कि इस सिलसिले में कई ज़रूरी कदम उठाए जाएंगे।
केंद्र सरकार ने बिहार के इन मुद्दों का लिया जायज़ा
इस मुलाकात में संजय द्वारा केंद्रीय मंत्री को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चिंताओं से अवगत कराया गया। साथ ही नेपाल के सीमा क्षेत्र में कटाव निरोधक कार्य कराने संबंधी नीतियों में जरूरी संशोधन के लिए भी अनुरोध किया गया।
बता दें, 24 जून को नीतीश कुमार बाढ़ से बचाव के कार्यों को गति देने के लिए खुद जयनगर पहुंचे थे। साथ ही बाधाओं को दूर करने के लिए नेपाल से अनुरोध भी किया गया था। अब बाढ़ के स्थायी समाधान के लिए प्रमुख नदियों पर नेपाली भूभाग में हाई डैम बनवाने के लटके हुए प्रस्तावों पर शीर्घ कदम उठाने का अनुरोध संजय झा ने विदेश मंत्री से किया। इस पर एस. जयशंकर ने नये सिरे से पहल करने का भरोसा दिया है।
जानिए इन खास बातों को
इस बीच विदेश मंत्री को संजय झा ने ये भी बताया कि भौगोलिक अनियमितताओं के वजह से बिहार के 28 जिले बाढ़ से प्रभावित होते हैं। नदियों का उद्गम स्थल और जलग्रहण क्षेत्र नेपाल बाढ़ की वजह बनते हैं। हर वर्ष बाढ़ से बचाव के काम में बिहार का हजारों करोड़ खर्च होता है।
जल संसाधन मंत्री के अनुसार कोसी, कमला और बागमती पर नेपाली भूभाग में हाईडैम के निर्माण का प्रस्ताव दशकों से लंबित है, जबकि दोनों देश इस पर पहले से ही सहमत हैं। 2004 में बनी संयुक्त कार्यसमिति की बैठकें भी हो चुकी हैं। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाईडैम की जरूरत, नेपाल के रवैये और फरक्का बराज के संचालन समेत कई मुद्दे सामने रखे थे।
झा के अनुसार इन मामलों पर विदेश मंत्रालय की पहल की जरूरत है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि कोसी, गंडक और कमला नदी के नेपाल स्थित भूभाग में 28 योजनाएं थीं, लेकिन लॉकडाउन और नेपाल के असहयोग के वजह से काम देर से शुरू हो सका।
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