बिहार का प्रसिद्ध गोविंद भोग भगवान राम के प्रसाद के रूप में होगा इस्तेमाल

बिहार के प्रसिद्ध ‘गोविंद भोग’ चावल, जो कैमूर क्षेत्र में उगाया जाता है, जल्द ही अयोध्या में भगवान राम लल्ला के प्रसाद में इस्तेमाल किया जाएगा, यहां के प्रमुख पुजारी ने कहा। चावल का उपयोग भक्तों के लिए ‘प्रसाद’ के रूप में भी किया जाएगा। हनुमान मंदिर के मंदिर ट्रस्ट प्रमुख किशोर कुणाल ने समाचार एजेंसी आईएएनएस को बताया, “राम रसोई बहुत जल्द अयोध्या में शुरू होने जा रहा है। इसके लिए यहां से साठ क्विंटल ‘गोविंद भोग’ चावल भेजा गया है। यह सब बिहार के कैमूर इलाके से खरीदा गया है।”
प्रसिद्ध गोविंद भोग का प्रसाद मिलेगा अयोध्या में, सीतामढ़ी में सीतारसोई पहले से है कार्यत
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कुणाल ने कहा कि सीता रसोई पहले से ही बिहार के सीतामढ़ी में कार्यरत हैं। “दिन में पांच सौ लोग और रात में दो सौ लोग सीता रासोइ से खिलाए जाते हैं। अयोध्या में राम रसोई प्रति दिन कम से कम 1,000 लोगों को खाना खिलाएंगे। आगे की व्यवस्था लोगों की फीडबैक और मतदान के आधार पर की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर से रसोइये को सेवा के लिए बुलाया गया है। गोविंद भोग चावल अपनी उत्तम गुणवत्ता और समृद्ध खुशबू के लिए जाना जाता है और इसकी खेती बिहार के कैमूर क्षेत्र में बड़े पैमाने पर की जाती है।
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सुप्रीम कोर्ट से 9 नवंबर को फैसला आने के बाद किशोर कुणाल पहले ही अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि स्थल पर राम मंदिर के निर्माण के लिए 10 करोड़ रुपये के दान की घोषणा कर चुके है। किशोर कुणाल जैसे सच्चे रामभक्त बिहार प्रदेश में कलयुग में सच्ची निस्वार्थ भक्ति का उम्दा उदाहरण है। सेवा से रिटायर होने के बाद से ही उन्होंने केवल रामजन्भूमि के लिए कार्य किया और मंदिर से जुड़े नक़्शे को बड़ी मेहनत से तैयार कर कोर्ट में पेश किया जिससे मुस्लिम पक्ष के वकील धवन को मिर्ची लगी और उसने उस नक़्शे को फाड़ डाला लेकिन फैसला हिन्दू समाज के पक्ष में आया और भव्य श्रीराम मंदिर बनने का इंतज़ार है जहाँ गोविन्द भोग का प्रसाद प्रत्येक भक्त को मिलेगा।
Editor- Bihar Express