बिहार विधानसभा चुनाव 2020: बिहार में विपक्ष की बेचैनी बढ़ा रही सत्ता पक्ष की खामोशी

एक तरफ बिहार विधानसभा चुनाव 2020 की तैयारियां चल रही हैं वहीं शुरुआती तेजी के बाद सत्ता पक्ष के दो बड़े दलोंमें अचानक सन्नाटा छा गया है। देखा जा रहा है कि पिछले दो-तीन सप्ताह से बीजेपी पार्टी की तकरीबन सभी गतिविधियां ताम सी गई हैं। और तो और केंद्रीय नेताओं का आना-जाना भी कम हो गया है इसके अलावा जदयू के तमाम कार्यक्रमों पर भी ब्रेक लग गया है। हालाँकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सक्रीय जरूर है मगर उनकी पार्टी काफी सुस्त नजर आ रही है।
बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां सुस्त
इसके पीछे क्या वजह है इसका अनुमान इस बात से लगाया जा रहा है कि कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल का पटना आना और महागठबंधन के नेताओं से मेलजोल ही विपक्ष की बेचैनी और सुस्ती की वजह बना हुआ है। अभी हाल ही में राहुल गांधी ने भी वर्चुअल मीटिंग कर बिहार कांग्रेस नेताओं में काफी ऊर्जा भरी थी और साथ ही सीटों के बंटवारे के लिए भी कुछ खास निर्देश भी दिए थे।
15 अगस्त के बाद हो जाएगा फैसला
फिलहाल अनुमान लगाया जा रहा है कि सीटों का बंटवारा 15 अगस्त के बाद हर हाल में कर लिया जाएगा और उसके बाद कांग्रेस के आपसी मोर्चे को मजबूत करने के बाद शक्ति सिंह गोहिल अन्य घटक दलों के साथ बैठ सकते हैं। आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि बिहार विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर के बाद समाप्त हो जाएगा। चूँकि विधानसभा का आखिरी सत्र भी समाप्त हो चुका है लेकिन अभी तक बिहार में विकराल हुए कोरोना संक्रमण की वजह से चुनावी बयार ने रफ्तार नहीं पकड़ी है।
इसके पहले बिहार में पूरी तरह से सुस्त हो चुकी बीजेपी पार्टी की तरफ से अमित शाह ने 7 जून को वर्चुअल जनसंवाद के जरिए कार्यकर्ताओं में जोश भरा था। उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं तथा मतदाताओं से सीधे संपर्क अभियान भी चलाया मगर उसी दौरान उनके कई नेता कोरोना से संक्रमित भी हो गए। भाजपा की देखा देखी जदयू ने भी कदम बढ़ाए और जुलाई के पहले सप्ताह से कई वर्चुअल मीटिंग की। फिलहाल भाजपा और जदयू के चुनावी अभियान में काफी बेचैनी बढ़ा हुई है और तो और देश में पहली बार लॉकडाउन लागू होने के करीब 2 महीने बाद प्रतिपक्ष नेता तेजस्वी यादव ने भी राजद कार्यकर्ताओं में जोश भरना शुरू कर दिया है।